महाराणा प्रताप जयंती 2023: वीर शिरोमणि हिंदू हृदय सम्राट महाराणा प्रताप एक मातृभूमि रक्षक महान राजपूत शासक थे। मेवाड़ के एक ऐसे शासक जिन्होंने घास की रोटी खाई, जमीन पर सोए लेकिन अपनी मातृभूमि के लिए अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की।
महाराणा प्रताप जीवनी | Maharana Pratap Biography In Hindi
जयंती का नाम (Name Of Jayanti) | महाराणा प्रताप जयंती (Maharana Pratap Jayanti) |
जयंती तिथि (Jayanti Date) | 9 मई 2023 |
पुण्य तिथि (Date Of Death) | 19 जनवरी 1597, चावंड, मेवाड़ (वर्तमान: कुंभलगढ़ दुर्ग, राजसमंद, राजस्थान) |
जीवनसाथी (Wife) | अजबदे पंवार (और 11 रानियां थी) |
माता पिता का नाम (Parents Name) | महाराणा उदयसिंह, महाराणी जयवन्ताबाई |
गोत्र, जाती और धर्म (Gotra, Caste And Religion) | सिसोदिया, राजपूत, हिंदू सनातन धर्मी |
पुत्रों का नाम | अमर सिंह, भगवान दास |
प्रशिद्धि | मेवाड़ के 13वें महाराणा के रूप में मुगल साम्राज्य के राजस्थान में विस्तार को रोकना |
महाराणा प्रताप जयंती की 2 तिथियां
क्या आपने एक चीज पर गौर किया है कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी की जयंती साल में दो बार मनाई जाती है जिसमे एक तिथि तो है 9 मई 1540 है।
बहादुरी के प्रतीक राजपूत शासक महाराणा प्रताप जी का जन्म हिंदू कैलेंडर के अनुसार जेष्ठय महीने की तृतीया को गुरु पुष्प नक्षत्र में हुआ।
और अगर हम हर साल ऐसे ही जेष्ठय महीने की तृतीया को निकाले तो महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई को हुआ था।
हिंदू कैलेंडर और अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार महाराणा प्रताप की जयंती साल में दो बार पड़ती है जैसे हिंदू त्योहारों की तारीख हर साल अलग-अलग होती है वैसे ही महाराणा प्रताप की जयंती जेष्ठय महीने की तृतीया को मनाई जाती है।
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अंतर्राष्ट्रीय क्षत्रिय शौर्य दिवस
- क्षत्रिय भवन में हुई महाराणा प्रताप क्षत्रिय राजपूत सभा की बैठक में फैसला लिया गया है की महाराणा प्रताप जी की जयंती को अंतर्राष्ट्रीय क्षत्रिय शौर्य दिवस के रूप में मनाया जायेगा।
महाराणा प्रताप जयंती 2023 पर उनके बारे में रोचक तथ्य
- आपका जन्म 9 मई 1540 को मेवाड़ के एक राजपूत राजघराने में हुआ वह मेवाड़ महाराणा उदय सिंह के पुत्र थे बाद में प्रताप ने आगे चलकर अपने पिताजी के नाम पर उदयपुर की स्थापना करवाई।
- महाराणा प्रताप ने मुगल शासक अकबर की तीन बार हराया (1577, 1578 और 1579)। महाराणा ने हल्दी घाटी और देवर का युद्ध बड़ी वीरता पूर्वक लड़ा और अकबर के सैनिकों को मात दी।
- महाराणा प्रताप के 11 रानियां थी जिनमे से अजबदे पंवार मुख्य महारानी थी और उनके 17 पुत्रो में से अमर सिंह महाराणा प्रताप के उत्तराधिकारी और मेवाड़ के 14वें महाराणा बने।
- महाराणा प्रताप अपने समय के एक महान योद्धा होने के साथ ही अद्भुत शरीर के मालिक भी थे उनकी लंबाई 7 फीट 5 इंच थी जो अकबर के आकार से कही ज्यादा थी वही महाराणा का वजन 110 किलोग्राम था।
- महाराणा के पास हमेशा 104 किलोग्राम के वजन वाली 2 तलवार रहा करती थी ताकि जब कोई निहत्था दुश्मन मिले तो एक तलवार महाराणा उसे दे सके क्योंकि महाराणा प्रताप निहत्थे पर वार नही करते।
- महाराणा प्रताप के भाले का वजन 80 किलो और कवच का वजन 72 किलो बताया जाता है।
- महाराणा प्रताप का घोड़ा भी उनकी की तरह बलिदानी और बहादुर था और महाराणा के साथ उनके घोड़े को हमेशा याद किया जाता है। जिन्होंने राणा को बचाने के लिए अपने प्राण त्याग दिए।
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